October 07, 2017
DPMI – Summer Classes : गढवाली, कुमाउंनी और जोनसारी भाषा को बढावा देने के मकसद से दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इस्टीट्यूट समर कक्षाओं की शुरूआत कर रहा है। कुल 12 कक्षाएं आयोजित की जाएंगी जो 21 मई से 6 अगस्त तक प्रत्येक रविवार सुबह 10 बजे से 1 बजे तक आयोजित होंगी। जिसमें 8 से 18 वर्ष तक के बालक- बालिकाएं भाग ले सकते हैं।
डीपीएमआई के चेयरमैन विनोद बछेती के मुताबिक आज उत्तराखंड की मूल भाषा गढवाली, कुमाउंनी और जोनसारी से लोग दूर भाग रहे हैं, इसका मकसद है आज की युवा पीढी को इस भाषा के प्रति जागरूक करना और उन्हें सिखाना। मेरा मानना है कि अगर हर कोई थोडा थोडा प्रयास करेगा तो ये भाषाएं फिर से जीवित हो जाएंगी। इससे उत्तराखंड की भाषा के साथ साथ सांस्क़तिक गतिविधियों का भी प्रचार प्रसार होगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने जानेमाने साहित्यकार, पूरनचंद्र कांडपाल, दिनेश ध्यानी, जयपाल सिंह रावत, डॉ; सतीश कालेश्वरी जैसे कवियों, साहित्यकारों, शिक्षकों को पढाने के लिए आमंत्रित किया है।
लोक भाषा साहित्य मंच भी इसमें बढ चढकर हिस्सा ले रहा है। लोक भाषा साहित्य मंच के संयोजक दिनेश ध्यानी ने बताया कि इस तरह की कक्षाओं के आयोजन से उत्तराखंडी भाषाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने की एक कोशिश है।