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वायु प्रदूषण के साथ भारत की समस्या: दिल्ली सबसे आगे

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जिस हवा में भारतीय सांस लेते हैं, वह दिन-प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है और एक नए अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण प्रतिदिन औसतन दो लोग मारे जाते हैं. चिकित्सीय पत्रिका द लांसेटके अनुसार, हर साल वायु प्रदूषण के कारण 10 लाख से ज्यादा भारतीय मारे जाते हैं और दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से कुछ शहर भारत में हैं. अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण विस्तृत तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हैं और इनसे एकसाथ निपटे जाने की जरूरत है. द लांसेट में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन ‘‘मानवीय स्वास्थ्य पर तो भारी खतरा पैदा करता ही है’’ साथ ही साथ यदि सही कदम उठाए जाएं तो वह ‘‘21वीं सदी का सबसे बड़ा वैश्विक स्वास्थ्य अवसर भी है.’’ पत्रिका में छपे अध्ययन में कहा गया कि उत्तर भारत में छाया स्मॉग भारी नुकसान कर रहा है. हर मिनट भारत में दो जिंदगियां वायु प्रदूषण के कारण चली जाती हैं.

वायु प्रदूषण के साथ भारत की समस्या: दिल्ली सबसे आगे

इसके अलावा, विश्व बैंक के आकलन के मुताबिक यदि भारत में श्रम से होने वाली आय के क्रम में देखा जाए तो इससे 38 अरब डॉलर का नुकसान होता है. अध्ययन कहता है कि वायु प्रदूषण सभी प्रदूषणों का सबसे घातक रूप बनकर उभरा है. दुनियाभर में समय से पूर्व होने वाली मौतों के क्रम में यह चौथा सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आया है. हाल ही में 48 प्रमुख वैज्ञानिकों ने अध्ययन जारी किया और पाया कि पीएम 2.5 के स्तर या सूक्ष्म कणमय पदार्थ :फाइन पार्टिक्युलेट मैटर: के संदर्भ में पटना और नई दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर हैं. ये कण दिल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

महानगरों की छोडि़ए, अब तो छोटे-छोटे शहरों में भी पॉल्यूीशन के कारण लोगों का जीना दूभर हो रहा है। दिवाली के बाद तो दिल्लीि सहित भारत के कुछ अन्यछ शहरों का हाल तो बहुत ही बुरा है। WHO द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से लगभग आधे तो भारत के हैं। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017 रिपोर्ट से ये भी खुलासा हुआ है कि भारत में 2015 में वायु प्रदूषण से 10.90 लाख लोगों की मौत हुई है। पीएम 2.5 कण प्रदूषण से बीमारियों की सबसे बड़ी वजह हैं। 1990 से अब तक भारत में प्रदूषण से मौत की दर 48 फीसदी बढ़ी है। वहीं चीन में इसी अवधि में प्रदूषण से मौत की दर 17.22 फीसदी बढ़ी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन प्रदूषण से होने वाली मौत में भारत सबसे ऊपर है।

वायु प्रदूषण के साथ भारत की समस्या: दिल्ली सबसे आगे

इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में चीन में प्रदूषण से 11.08 लाख, भारत में 10.90 लाख, ईयू में 2.57, रूस में 1.37 लाख, पाकिस्तान में 1.35 और अमेरिका में 88 हजार जानें गई। पर्यावरण इंडेक्स में भारत 178 देशों में 155वां स्थान पर हैं। प्रदूषण के मामले में ब्रिक्स देशों में भारत सबसे आगे हैं। भारत की तुलना में पाकिस्तान, नेपाल, चीन और श्रीलंका की बेहतर हालात है।

वायु प्रदूषण जीवाश्म ईधन जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल से होता हैं। डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़िया से भी वायु प्रदूषण होता हैं। वाहनों से निकलने वाले 33 फीसदी से वायु प्रदूषणहोता है। इतना ही नहीं इंडस्ट्रियल प्रदूषण से भी हालात बिगड़े हैं।

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