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MRI Safety: Important Guidelines for Patients

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चिकित्सा के क्षेत्र में MRI (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) एक अत्यंत उपयोगी तकनीक है, जो शरीर के अंदरूनी अंगों और संरचनाओं की विस्तृत छवियां प्रदान करती है। यह जांच डॉक्टरों को रोगों का सटीक निदान करने में मदद करती है। हालांकि, MRI एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन इसके दौरान कुछ खास सावधानियों का पालन करना आवश्यक होता है। 

एमआरआई (MRI) कैसे काम करता है?

(MRI) एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करके शरीर की तस्वीरें तैयार करता है। इसमें आयनाइजिंग रेडिएशन (जैसे एक्स-रे) का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे यह तकनीक काफी सुरक्षित मानी जाती है।

एमआरआई (MRI) के दौरान सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

एमआरआई (MRI) स्कैनर में बहुत शक्तिशाली चुंबक होता है, जो धातु की वस्तुओं को अपनी ओर खींच सकता है। इसके अलावा, कुछ मरीजों को स्कैन के दौरान घबराहट या असुविधा हो सकती है। इन कारणों से, एमआरआई (MRI) के लिए सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है।

एमआरआई (MRI) से पहले की सावधानियां

1. धातु की वस्तुओं को हटाना:

एमआरआई(MRI)  स्कैनर के पास धातु की कोई भी वस्तु नहीं ले जानी चाहिए। इसमें शामिल हैं:

गहने, घड़ी, और हेयर पिन

बेल्ट और कपड़ों में मौजूद धातु के हिस्से

चश्मा और हियरिंग एड

क्रेडिट कार्ड या अन्य मैग्नेटिक स्ट्राइप वाले कार्ड

2. स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी देना:

मरीज को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में रेडियोलॉजिस्ट या टेक्नोलॉजिस्ट को सूचित करना चाहिए। यह खासतौर पर निम्नलिखित स्थितियों में महत्वपूर्ण है:

यदि आपके शरीर में पेसमेकर, कोक्लियर इम्प्लांट, या किसी प्रकार का धातु प्रत्यारोपण है।

यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण की संभावना है।

यदि आपको क्लस्ट्रोफोबिया (संकीर्ण स्थानों से डर) है।

3. चिकित्सकीय दस्तावेज़ प्रस्तुत करना:

यदि आपने पहले कोई सर्जरी कराई है, तो संबंधित रिपोर्ट और डॉक्टर की सलाह लेकर आएं। इससे रेडियोलॉजिस्ट को आपके MRI scan की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

MRI के दौरान की सावधानियां

1. सही पोस्चर में लेटना:

MRI Scan के दौरान, आपको एक निश्चित स्थिति में लेटना पड़ता है। यह सुनिश्चित करें कि आप आरामदायक स्थिति में हैं और ज्यादा हिलें नहीं।

2. शोर के लिए तैयार रहें:

MRI मशीन से तेज आवाजें आती हैं, जो कुछ लोगों को असहज कर सकती हैं। इसके लिए मरीज को ईयरप्लग्स या हेडफोन दिए जाते हैं।

3. टेक्नोलॉजिस्ट के निर्देशों का पालन करें:

स्कैन के दौरान टेक्नोलॉजिस्ट समय-समय पर निर्देश दे सकते हैं, जैसे सांस रोकने या धीमे सांस लेने के लिए। इन निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि तस्वीरें साफ और सटीक आएं।

4. इमरजेंसी के लिए अलार्म बटन:

MRI मशीन में एक अलार्म बटन होता है, जिसे दबाकर आप टेक्नोलॉजिस्ट को बुला सकते हैं। यदि आपको कोई परेशानी हो, तो घबराएं नहीं और अलार्म बटन का उपयोग करें।

एमआरआई के बाद की सावधानियां

1. तुरंत सामान्य गतिविधियों पर लौटना:

अधिकांश मरीज एमआरआई स्कैन के बाद अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको स्कैन के दौरान सेडेशन (दर्द निवारक दवा) दी गई हो, तो आपको कुछ समय तक आराम करने की सलाह दी जा सकती है।

2. रिपोर्ट का मूल्यांकन:

आपकी MRI  रिपोर्ट रेडियोलॉजिस्ट द्वारा तैयार की जाएगी। डॉक्टर रिपोर्ट का अध्ययन करके आपके इलाज की योजना बनाएंगे।

MRI के दौरान संभावित जोखिम

1. धातु की वस्तुओं से चोट:

यदि शरीर में कोई धातु का टुकड़ा या प्रत्यारोपण है, तो यह स्कैनर के चुंबकीय क्षेत्र के कारण हिल सकता है।

2. क्लस्ट्रोफोबिया:

कुछ मरीजों को मशीन के अंदर बंद महसूस होने के कारण डर या बेचैनी हो सकती है। ऐसी स्थिति में, डॉक्टर ओपन एमआरआई या सेडेशन का विकल्प दे सकते हैं।

3. गर्भावस्था के दौरान सावधानी:

हालांकि MRI  आमतौर पर सुरक्षित है, गर्भवती महिलाओं को इसे करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

एमआरआई (MRI)  सुरक्षा के टिप्स

हमेशा अपने रेडियोलॉजिस्ट को पूरी जानकारी दें।

धातु से संबंधित सभी चीजें हटा दें।

बच्चों के लिए, स्कैन से पहले उन्हें प्रक्रिया के बारे में समझाएं।

क्लस्ट्रोफोबिया के लिए, रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।

निष्कर्ष

एमआरआई (MRI) एक सुरक्षित और प्रभावी तकनीक है, जो कई बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद करती है। हालांकि, इसके दौरान कुछ खास सावधानियों का पालन करना जरूरी है, ताकि प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके। मरीजों को एमआरआई से संबंधित किसी भी चिंता के लिए अपने डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट से खुलकर बात करनी चाहिए। आपकी जानकारी और सतर्कता ही एमआरआई (MRI) प्रक्रिया को सफल और सुरक्षित बनाएगी।

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